Gvava farming: आपके अमरूद के बाग को कीट और फफूंदजनित रोगों से बचाने के बेहतर उपाय, एक बार आजमा कर देखे👌 नही होगा नुकसान
Gvava farming: आपके अमरूद के बाग को कीट और फफूंदजनित रोगों से बचाने के बेहतर उपाय, एक बार आजमा कर देखे👌 नही होगा नुकसान
मानसून का मौसम खेती के लिए कई मायनों में लाभकारी साबित होता है। प्राकृतिक सिंचाई के कारण मिट्टी में नमी बनी रहती है और पौधों की वृद्धि तेज होती है। हालांकि, कुछ फसलें बारिश के मौसम में कीट और रोगों के कारण प्रभावित हो जाती हैं, जिनमें अमरूद की फसल भी शामिल है। अमरूद की फसल पर बारिश के मौसम में कीटों और फफूंदजनित रोगों का हमला होता है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो सकता है।
रायबरेली जिले के उद्यान निरीक्षक, जो उद्यानिकी के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव रखते हैं, बताते हैं कि कुछ आसान उपाय अपनाकर किसान अपनी अमरूद की फसल को इन खतरों से बचा सकते हैं। आइए जानते हैं, कैसे आप बरसात में अपनी अमरूद की फसल को सुरक्षित रख सकते हैं
पौधों की सफाई
बारिश के मौसम में पेड़ों के आस-पास गिरी हुई पत्तियों और फलों को हटाना बेहद जरूरी है। यह फफूंद और कीटों के संक्रमण को रोकने में मदद करता है।
नियमित देखभाल
पौधों का नियमित निरीक्षण करना महत्वपूर्ण है। किसी भी प्रकार के रोग या कीट के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत हटा दे।
उचित जल निकासी
खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें। पानी का ठहराव फफूंदजनित रोगों को बढ़ावा देता है। इसलिए, जल निकासी का प्रबंधन फसल के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
सिंचाई का प्रबंधन
बारिश के दौरान सिंचाई को नियंत्रित करें और केवल आवश्यकतानुसार ही पानी दें। अत्यधिक पानी से फसलों में फफूंदजनित रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
फफूंदनाशकों का उपयोग
बविस्टिन, कार्बेन्डाजिम, या कापर ऑक्सीक्लोराइड जैसे फफूंदनाशकों का प्रयोग फफूंदजनित रोगों से बचाव में मदद करता है।
जैविक कीटनाशक
नीम का तेल, ट्राइकोडर्मा, और बायोपेस्टीसाइड्स का उपयोग करें। यह कीटनाशक प्राकृतिक रूप से कीटों को नियंत्रित करते हैं और पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं।